2 बेटियों का बाप है 6 साल की मासूम से दुष्कर्म व हत्या करने वाला, गुनाह छुपाने को खुद भी बच्ची को तलाशता रहा

जिले के अलीगढ़ थाना इलाके में शनिवार दोपहर को 6 साल की बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने अगवा कर दुष्कर्म करने और हत्या कर भाग निकले आरोपी को पुलिस ने महज 24 घंटे के अंदर सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। रविवार सुबह गांव में ही मृतका बच्ची के घर से करीब आधा किलोमीटर दूरी पर सूनसान जगह झाड़ियों में शव मिलने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरु की थी। 


टोंक जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी महेंद्र उर्फ धौल्या मीणा (39) खेड़ली गांव का ही रहने वाला था। वह पेशे से ट्रक ड्राइवर है और शराब पीने का आदी है। केस का अनुसंधान महिला अपराध अनुसंधान सेल, टोंक उपाधीक्षक जग्गुराम को सौंपी गई है। इस संबंध में 363,366ए,367एबी, 302, 201 आईपीसी और 5 आई, एम आर/6 पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।


दो बेटियों का बाप है आरोपी, इनमें एक बेटी महज दो उम्र की है


पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में सबसे अहम खुलासा हुआ कि आरोपी महेंद्र उर्फ धौल्या मीणा (39) खुद दो बच्चियों का बाप है। उसकी एक बेटी महज दो साल की है जबकि दूसरी बड़ी बेटी करीब 17 साल की है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि अक्सर बेरोजगारी और शराब पीने की आदत की वजह से महेंद्र उर्फ धौल्या का अपनी पत्नी से झगड़ा होता रहता है। इसकी वजह से पिछले करीब 10-11 माह से महेंद्र अपनी पत्नी से अलग रहता था। 


शराबी प्रवृत्ति की वजह से पत्नी से अनबन के चलते अलग रहता था


महेंद्र की दोनों बेटियां भी अपनी मां के साथ ही रहती थी। इनका मकान दुष्कर्म और हत्या की शिकार हुई मासूम बच्ची के स्कूल के पास ही था। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि पत्नी से अलग रहने की वजह से शारिरीक संबंध नहीं बन सके। ऐसे में शनिवार को शराब के नशे में वह छह साल की बच्ची के स्कूल के बाहर पहुंचा। वहां बच्ची को देखकर उसकी नियत बिगड़ गई और महेंद्र उस बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया। वह बच्ची के स्कूल से करीब 300 मीटर दूरी पर सूनसान जगह पर पहुंचा। जहां बच्ची का मुंह दबाकर दुष्कर्म किया।


मृतका के ननिहाल में आना जाना था, भेद खुलने के डर से बच्ची को मार डाला


सीओ उनियारा दिनेश कुमार राजौरा ने बताया कि आरोपी महेंद्र, मृतका बच्ची के ननिहाल के पड़ोस में रहता था। इससे महेंद्र का बच्ची के नानी-मामा के पास उनके घर आना-जाना था। ऐसे में बच्ची उसे पहचानती थी। कहीं, दुष्कर्म के बाद बच्ची उसकी सच्चाई बयां नहीं कर दे। ऐसे में दुष्कर्म का भेद खुलने के डर से महेंद्र उर्फ धौल्या ने 6 साल की बच्ची को उसी के स्कूल यूनिफॉर्म के बेल्ट से गला घोंटकर हत्या कर दी। गला दबाने से उसकी आंखें निकलकर बाहर आ गई।


खुद का अपराध छिपाने के लिए बच्ची के परिजनों के साथ उसे तलाश करने का नाटक किया


अलीगढ़ थानाप्रभारी एसआई रामकृष्ण चौधरी ने बताया कि बच्ची की हत्या के बाद शाम करीब 7 बजे वह वापस अपने कमरे में पहुंचा। इस दौरान बच्ची को लापता देखकर उसके परिजन और स्थानीय ग्रामीण उसकी तलाश में जुट गए। तब अपने गुनाह को छिपाने के लिए आरोपी महेंद्र भी बच्ची के परिजनों के साथ उसे इधर उधर तलाश करने में जुट गया। काफी देर बाद वह रात को अपने कमरे पर आया और सो गया।


डॉग स्क्वायड का स्नाइपर डॉग सूंघता हुआ आरोपी के घर तक जा पहुंचा


वहीं, रविवार सुबह 6 साल की बच्ची का शव मिलने पर एसपी आदर्श सिद्धू, एएसपी विपिन शर्मा, उनियारा सीओ दिनेश राजौरा और अलीगढ़ थानाप्रभारी रामकृष्ण चौधरी मौके पर पहुंचे थे। घटनास्थल पर डॉग स्क्वायड और एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया। तब शराब की बोतल व कचोरी मिली। जिसे जब्त कर डॉग को सुंघाया गया। इस बीच डॉग को गांव में घुमाया। तब वह घटनास्थल से कुछ दूर स्थित महेंद्र के घर के आसपास घूमा। इससे पुलिस का संदेह गहरा गया।


अलसुबह घर से गायब हो गया तब पुलिस ने तलाश कर धरदबोचा


बताया जा रहा है कि पुलिस को घर के ही इर्द-गिर्द घूमते देखकर महेंद्र उर्फ धौल्या सोमवार सुबह घर से निकल गया। इसका पता चलने पर पुलिस का शक गहरा गया। वहीं, आसपास के लोगों की पूछताछ में भी महेंद्र के आदतन शराबी होने और पत्नी से अलग रहने व अन्य अहम जानकारी मिली। तब पुलिस टीम ने आरोपी महेंद्र को धरदबोचा। उससे पूछताछ की गई। जिसमें उसने गुनाह कबूल कर लिया।


स्कूल में बैग पड़ा होने पर भी टीचरों ने ध्यान नहीं दिया, बरती लापरवाही


राजस्थान राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग अध्यक्षा संगीता बेनीवाल सोमवार को टोंक पहुंचकर मृतका बच्ची के परिजनों से मिली। अधिकारियों से भी बातचीत की। बेनीवाल के मुताबिक बच्ची के स्कूल से अगवा होने के बाद भी उसका बैग क्लास में लावारिस पड़ा रहा। लेकिन वहां मौजूद टीचर्स ने ध्यान नहीं दिया। संगीता बेनीवाल का कहना है कि यदि स्कूल स्टॉफ बच्ची के लावारिस पड़े बैग पर ध्यान देता तो शायद उसके गायब होने का पता चल सकता था और उसे दुष्कर्मी के चंगुल से बचाया जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब वे मंगलवार को संबंधित शिक्षा अधिकारी से बात करेंगी।